नई दिलà¥à¤²à¥€à¥¤ बà¥à¤‚देलखणà¥à¤¡ à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ पारà¥à¤Ÿà¥€ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संयोजक शà¥à¤°à¥€ संजय पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ ने कहा कि आज़ादी के साठवरà¥à¤· हो चà¥à¤•à¥‡ हैं फ़िर à¤à¥€ बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंड कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° विकास की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से वही का वही है । पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ ने कहा कि इन साठवरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में जितना शोषण बà¥à¤‚देलखंड के लोगों का हà¥à¤† शायद देश में और कही नही हà¥à¤†à¥¤à¤†à¥›à¤¾à¤¦à¥€ के पूरà¥à¤µ इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को सामंतवादी राजाओं ने शोषित रखा ,किंतॠदà¥à¤ƒà¤– की बात तो यह है कि सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के बाद à¤à¥€ इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को शोषण से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ नही मिली ।
केनà¥à¤¦à¥à¤° और राजà¥à¤¯ सरकारों को अरबों रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ का राजसà¥à¤µ खनिज संसाधनों के रूप में इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से मिलता है , बदले में इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के लोगों को मिलती है बदहाली। कà¥à¤¯à¤¾ यह राजनीतिक शोषण नही है? लगà¤à¤— शूनà¥à¤¯ औदà¥à¤¯à¥‹à¤—ीकरण वाले इस à¤à¤¾à¤— में रोजगार के साधनों का पूरà¥à¤£à¤¤à¤¯à¤¾ अà¤à¤¾à¤µ है । यदि यहाठका निवासी खेती à¤à¥€ करना चाहे तो यहाठकी सिचाई पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के ज़माने की है । या तो पानी के अà¤à¤¾à¤µ में à¤à¥‚मि परती पड़ी रहती है या फ़िर खेतों में सूखे से पड़ी दरारें à¤à¤—वान à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ बारिश का इंतजार करती रहती हैं। केनà¥à¤¦à¥à¤° सरकार से तो कà¤à¥€ कोई खास सहायता मिलती नही है ,राजà¥à¤¯ सरकारें à¤à¥€ इसलिठइसके साथ सौतेलापन दिखाती हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कि आधा बà¥à¤‚देलखणà¥à¤¡ उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में आता है और आधा मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में । इसलिठदो राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच फंसे इस à¤à¤¾à¤— को बदले में उपेकà¥à¤·à¤¾ ही हाथ लगती है ।
आज बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंड के नौजवानों की बात तो दूर यहाठके बूढे और बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ दिलà¥à¤²à¥€,बमà¥à¤¬à¤ˆ और सूरत के लिठपलायन कर रहे हैं। वे अपने घरों को छोड़कर महानगरों के लिठपलायन जिंदा रहने के लिठकर रहे हैं न कि à¤à¤¶à¥‹ आराम के लिठ। दिलà¥à¤²à¥€ में बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंडी लोगों की छवि à¤à¤• तसला ढोने वाले शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤• से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नही रही ।पिछले वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में à¤à¥à¤–मरी और तंगहाली से जूठरहे न जाने कितने किसानो ने आतà¥à¤® हतà¥à¤¯à¤¾ की , किंतॠसरकारों ने अपनी नैतिक जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ नही ली । आज बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंड à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ पारà¥à¤Ÿà¥€ का गठन बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंड के लोगों को अपने हक़ के लिठसंघरà¥à¤· करने के लिठà¤à¤• राजनीतिक मंच मà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ करवाने की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से किया गया है । पारà¥à¤Ÿà¥€ बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंड के लोगों को शोषण के विरà¥à¤¦à¥à¤§ खड़े होने के लिठजागरà¥à¤• कर रही है । पारà¥à¤Ÿà¥€ के संयोजक संजय पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ का कहना है कि या तो इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को इतना विकसित कर दिया जाठकि यह à¤à¥€ देश के अनà¥à¤¯ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ की तरह समà¥à¤°à¤¦à¥à¤§ हो जाठया फ़िर इसे अलग राजà¥à¤¯ बना दिया जाठताकि शासन और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की उपेकà¥à¤·à¤¾ से मà¥à¤•à¥à¤¤ होकर विकास की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° हो सके । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–णà¥à¤¡ के लोगों का शोषण अब किसी कीमत पर बरà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤¤ नहीं किया जायेगा
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