महोबा. पिछले पॉà¤à¤š वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¥€à¤·à¤£ सूखे की चपेट में रहे बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंड कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में इस बार औसत वरà¥à¤·à¤¾ होने से सूखा से तो निजात मिली किनà¥à¤¤à¥ लोगो का आरà¥à¤¥à¤¿à¤• संकट अà¤à¥€ तक दूर नहीं हो सका . पिछले वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के अकाल ने बà¥à¤‚देलखंड कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की अरà¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को पूरी तरह बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ कर दिया था,लोग दाने-दाने को मोहताज़ हो गठथे ,लोग और उनके मवेशी बूà¤à¤¦ -बूà¤à¤¦ पानी के लिठतरसने को मजबूर थे ,खेतों में à¤à¤•-à¤à¤• मीटर गहरीं दरारें पद गयीं थीं .किनà¥à¤¤à¥ इस वरà¥à¤· अचà¥à¤›à¥€ बारिश हो जाने से बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–णà¥à¤¡ के लोगो को मनो जान ही मिल गयी थी.परनà¥à¤¤à¥ खरीफ की फसल अति वरà¥à¤·à¤¾ की à¤à¥‡à¤‚ट चढ़ गयी और रबी की फसल के लिठखाद-बीज के लिठपैसे न होने केचलते लोग मन मसोस कर रह गà¤. इतना ही नहीं पानी बरस जाने से बाद से वे सारी सरकारी सहायतायें à¤à¥€ बंद कर दीं गयीं थीं जो सूखे दौरान कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के लोगो को मिल रहीं थीं.
बà¥à¤‚देलखंड à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ पारà¥à¤Ÿà¥€ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संयोजक संजय पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बà¥à¤‚देलखंड की अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को पटरी पर लौटने में अà¤à¥€ वकà¥à¤¤ लगेगा ,इसलिठयहाठके लोगों को जो सरकारी सहायताये सूखे के दौरान दी जाती थीं वे अà¤à¥€ बंद नहीं की जानी चाहिà¤, इतना ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ खाद,बीज,सिंचाई,लगान आदि में à¤à¥€ राहत की पेशकश सरकारों की तरफ से की जानी चाहिà¤.