à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान में मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ठको अनà¥à¤¸à¥‚ची कà¥à¤°à¤®à¤¾à¤‚क आठमें रखा गया है और इन à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ठके संवरà¥à¤§à¤¨ के लिठअलग से राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ आयोग की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ संविधान में है ।संविधान की आठवी अनà¥à¤¸à¥‚ची में कई à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤ तो à¤à¤¸à¥€ हैं जिनके पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—करà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤• करोड़ से कम है (असमिया -89 लाख, मैथिली-61 लाख, संथाली-37 लाख, कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ – 24 लाख , कोंकणी-15 लाख, नेपाली-13 लाख़, डोगरी-13 लाख़, सिंधी-12 लाख ) किंतॠहमारे देश में चार करोड़ बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤·à¥€ लोग हैं फ़िर à¤à¥€ बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ इसे अनà¥à¤¸à¥‚ची -8 में शामिल नही किया गया ।
बà¥à¤‚देलखंड à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ पारà¥à¤Ÿà¥€ के संयोजक संजय पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को राजकीय संरकà¥à¤·à¤£ न मिलने से बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¥€ साहितà¥à¤¯ और साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की दà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ हो रही है किनà¥à¤¤à¥ बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंड कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के सांसद इस विषय को संसद में उठाने की जरूरत ही नहीं समà¤à¤¤à¥‡ हैं । इसलिठबà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंड à¤à¤•à¥€à¤•à¥ƒà¤¤ पारà¥à¤Ÿà¥€ ने अपने à¤à¤œà¥‡à¤‚डे में पृथक बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¤–ंड राजà¥à¤¯ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के साथ साथ बà¥à¤¨à¥à¤¦à¥‡à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को समà¥à¤®à¤¾à¤¨ दिलाते हà¥à¤ इसे संविधान की आठवी अनà¥à¤¸à¥‚ची में शामिल करवाना अपने उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की उचà¥à¤š वरीयता में रखा है ।